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What is Thermocouple in hindi : परिभाषा ,कार्य सिध्दांत तथा उपयोग

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 थर्मोकपल क्या होता है? 

यह एक प्रकार का सेंसर होता है जिसका उपयोग तापमान मापने के लिए किया जाता है। इसके मदद से बड़े परास(Wide range) तक तापमान को मापा जा सकता है।यह विभिन्न औद्योगिक क्षेत्र , घर, कार्यालय आदि में उपयोग  किया जाने वाला एक सरल, मजबूत और सस्ता तापमान सेंसर है। इसके निर्माण में दो विभिन्न प्रकार के धातुओ के एक सिरे को आपस में जोड़कर तैयार किया जाता है। धातुओ के जंक्शन को जब गर्म किया जाता है तब

उसके अन्य दुसरे सिरों के बीच वोल्टेज(Voltage) उत्पन्न होता है जो जंक्शन के तापमान(Temperature) के समानुपाती होता है। 

थर्मोकपल किस सिध्दांत पर कार्य करता है? 

यह सीबैक प्रभाव पर कार्य करता है जिसके अनुसार यदि दो भिन्न धातुओ को एक एक सिरों को आपस में जोड़कर एक जंक्शन बनाया जाए जिसे हॉट जंक्शन कहते है।और अन्य दुसरे सिरे को खुला छोड़ दिया जाए। इसके बाद धातुओ के जंक्शन के तापमान में परिवर्तन किया जाए तब खुला छोड़े गए दुसरे सिरों के बीच विभवान्तर उत्पन्न होने लगता है जिसका परिमाण जंक्शन के तापमान के अंतर के समानुपाती होता है। जैसे की निचे के चित्र में दिखाया गया है। 

चूँकि खुले हुए सिरों के बिच उत्पन्न हुआ विभवान्तर हॉट जंक्शन के तापमान(Temperature) के समानुपाती होता है अर्थात तापमान में हुआ परिवर्तन विभवान्तर(Voltage) में हुए परिवर्तन के बराबर होगा। इस विभवान्तर(Voltage) को किसी वोल्टमीटर(Voltmeter) द्वारा मापकर उसके तुल्य तापमान को डिग्री सेल्सियस में बदल लिया जाता है। 

थर्मोकपल कितने प्रकार के होते है?

नियम के अनुसार किसी भी दो धातु के संयोग से थर्मोकपल का निर्माण किया जा सकता है लेकिन भिन्न भिन्न  धातु का तापमान संवेदनशीलता  भिन्न भिन्न होता है। इस तापमान संवेदनशीलता के आधार पर  थर्मोकपल निम्न लिखित श्रेणियों में विभाजित(Divide) किया गया है :

  • टाइप B थर्मोकपल 
  • टाइप C थर्मोकपल
  • टाइप E थर्मोकपल 
  • टाइप J थर्मोकपल 
  • टाइप K थर्मोकपल
  • टाइप N थर्मोकपल
  • टाइप R थर्मोकपल
  • टाइप S थर्मोकपल
  • टाइप T थर्मोकपल
  • Tungston Rhenium थर्मोकपल

ये सभी प्रकार थर्मोकपल(Thermocouple) भिन्न भिन्न तापमान पर कार्य करते है इन सभी के कार्य का तापमान(Temperature) निचे दिया गया है 

  • टाइप J थर्मोकपल  = -210 डिग्री से 750 डिग्री  सेल्सियस तापमान तक 
  • टाइप K थर्मोकपल   = -200 डिग्री से 1260 डिग्री  सेल्सियस तापमान तक
  • टाइप E थर्मोकपल  =  -270 डिग्री से 870 डिग्री  सेल्सियस तापमान तक
  • टाइप T थर्मोकपल  =  -250 डिग्री से 350 डिग्री  सेल्सियस तापमान तक
  • टाइप R थर्मोकपल  =  0 डिग्री से 1600 डिग्री  सेल्सियस तापमान तक
  • टाइप S थर्मोकपल  =  630 डिग्री से 1064 डिग्री  सेल्सियस तापमान तक
  • टाइप N थर्मोकपल  = -270 डिग्री से 1300 डिग्री  सेल्सियस तापमान तक

 थर्मोकपल(Thermocouple) उपयोग के लाभ एवं हानि क्या है?

 थर्मोकपल(Thermocouple) उपयोग के लाभ एवं हानि निम्न लिखित है :

लाभ 

  • इससे तापमान मापना आसान होता है। 
  • यह सस्ता होता है। 
  • कुछ  Thermocouple का आक्सीकरण बहुत कम होता है जिसके वजह से इनका उपयोग किसी भी वातावरण में किया जा सकता है। 
  • इनके मदद से लम्बे Range तक तापमान को आसानी से मापा जा सकता है। 
  • ये  तापमान के प्रति ज्यादा संवेदनशील होते है इसलिए तापमान(Temperature) को शुध्दता से मापा जा सकता है। 

हानि 

  • अपने तापमान रेंज के बारह कुछ  Thermocouple ख़राब हो जाते है। 
  • कुछ  Thermocouple से एक तापमान को दुबारा मापने में कठिनाई होती है। 
  • तापमान के तुलना में उत्पन्न Voltage का परिमाण बहुत ही कम होता है। 
  • कभी कभी Temprature में परिवर्तन को उत्पन्न हुआ विभवान्तर रैखिक रूप से अनुसरण नहीं करता है। 

What is Megger in Hindi : परिभाषा ,प्रकार ,कार्य सिध्दांत तथा उपयोग


 मेगर क्या होता है?


यह एक मापक विधुतीय उपकरण है जिसका उपयोग इलेक्ट्रिकल उपकरण जैसे केबल ,ट्रांसफार्मर  वाइंडिंग  ,मोटर वाइंडिंग  आदि के  इंसुलेशन का प्रतिरोध मापने के लिए किया जाता है।  इसे मेगा ओममीटर भी कहते है।  इसे सर्व प्रथम विधुत मापक यंत्र बनाने वाली कंपनी मेगर ने बनाया था इसलिए इसे  मेगा ओममीटर की बजाए मेगर कहा जाता है। इसका उपयोग 50 मेगा ओम से ज्यादा प्रतिरोध को मापने के लिए किया जाता है। एक साधारण ओम मीटर या प्रतिरोध मापने वाला यंत्र 10 मेगा ओम से ज्यादा प्रतिरोध का मापन सटीकता से नहीं कर पाता है क्योकि उनमे बहुत ही कम परिमाण वाले वोल्टेज(Voltage) का प्रयोग किया जाता है। 

विधुतीय उपकरण में इंसुलेशन क्या होता है?


विधुत धारा के प्रवाह के लिए चालक(Conductor) का उपयोग किया जाता है मतलब चालक विधुत धारा के प्रवाह के लिए रास्ता का निर्माण करता है। विधुत धारा अपने रास्ते से लीकेज कर बाहर न निकल जाए इसके लिए उसके ऊपर कुचालक की परत चढ़ा दी जाती है जिसे इंसुलेशन कहा जाता है। इंसुलेशन का आंतरिक प्रतिरोध बहुत ही ज्यादा होता है। 

मेगर का कार्य सिध्दांत क्या है?


यह विधुतचुंबकीय आकर्षण सिध्दांत पर कार्य करता है। जिसके अनुसार यदि किसी विधुत धारा  वाली चालक  को चुंबकीय क्षेत्र में रखा जाता है तब उस चालक पर एक बालक कार्य करने लगता है। इसी सिध्दांत के मदद से मेगर के पॉइंटर पर एक बलाघूर्ण(Torque) कार्य करता है जिससे मेगर की रीडिंग ली जाती है। 

मेगर कितने प्रकार के होते है?


Megger  दो प्रकार के होते है जो निचे दिए गए है :

  • इलेक्ट्रॉनिक मेगर 
  • मैन्युअल ऑपरेटड मेगर 

इन दोनों के आलावा एक दुसरे प्रकार का Magger भी होता है जिसको Motor टाइप मेगर कहते है जिसमे बैटरी की जगह Voltage उत्पन्न करने मोटर का प्रयोग किया जाता है और इस मोटर को संचालित करने के लिए बाहर से उर्जा(Energy) प्रवाहित की जाती है। 

image credit :https://instrumentationtools.com

Electronic मेगर में हाई वोल्टेज उत्पन्न करने के लिए  बैटरी का उपयोग किया जाता है जबकि Manual Operated मेगर में हाई वोल्टेज उत्पन्न करने के लिए डीसी जनरेटर का उपयोग किया जाता है जिसे हाथ से चलाया जाता है। जिसे ऊपर के चित्र में दिखाया गया है। 

मेगर की बनावट कैसी होती है?


इसके बनावट की आंतरिक सर्किट(Internal Circuit) को निचे दिए गए चित्र में दिखाया गया है। इसमें एक डीसी(Direct Current) जनरेटर होता है जिसके आर्मेचर को हाथ से घुमाकर वोल्टेज(Voltage) उत्पन्न किया जाता है। प्रतिरोध R1 कुंडली A तथा प्रतिरोध R2 कुंडली B के साथ श्रेणी क्रम में जुड़ा होता है। चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न करने के लिए स्थायी चुंबक का उपयोग किया जाता है जिसके प्रभाव की वजह से पॉइंटर घूमते रहता है। जिस पदार्थ का इंसुलेशन प्रतिरोध ज्ञात करना होता है उसे टर्मिनल X तथा Y के बीच जोड़ा जाता है। 
image source :https://instrumentationtools.com

मेगर के लाभ तथा हानि क्या है?


मेगर उपयोग के लाभ तथा हानि निम्नलिखित है :-

लाभ 


  • इससे मालूम इंसुलेशन प्रतिरोध की सटीकता ज्यादा होती है | 
  • इसे केवल एक इंसान आसानी से संचालित सकता है |
  • इसे कही भी आसानी(Easily) से लाया और ले जाया जा सकता है। 
  • इसका उपयोग करना आसन होता है। 

हानि 


  • Manual Operated मेगर में कम से कम दो यक्ति की जरुरत पड़ती है। 
  • कभी कभी क्रेकिंग की वजह से इसके माप पर प्रभाव(Effect) पड़ता है। 
  • इसका उपयोग हमेशा समतल(Plane) पर किया जाता है। 

मेगर का उपयोग क्या है?


मेगर का निम्न उपयोग है :-

  • इससे इंसुलेशन का प्रतिरोध(Resistance) ज्ञात किया जाता है। 
  • Ground तथा अर्थिंग टेस्टिंग में इसका इस्तेमाल किया जाता है। 
  • रेलवे में इसका उपयोग किया जाता है। 
  • पॉवर स्टेशन में इसका उपयोग किया जाता है। 

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