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Maut ke baad shareer thanda kyon pad jaata hai?

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मौत के बाद शरीर ठंडा क्यों पड़ जाता है?

चलिए जानते हैं ऐसा क्यों होता है हमारे शरीर का तापमान लगभग 37 डिग्री सेल्सियस होता है जबकि मनुष्य की मृत्यु के बाद उसके शरीर का तापमान इससे कम होने लगता है। चलिए पहले तो जानते हैं ऐसा क्या है जो जीवित रहने पर तो हमारे शरीर को गर्म रखता है जबकि मृत्यु के बाद ठंडा हो जाता है। 

इसका राज छुपा है हमारे खून में दरअसल हम गर्म खून वाले प्राणी हैं‌। हमारे खून की गर्मी हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली का हिस्सा है। वैज्ञानिकों ने शोध द्वारा पता लगाया है कि यदि शरीर का तापमान 30 डिग्री से कम होता तो या खून विभिन्न प्रकार के जीवाणुओं की चपेट में आ सकता है। जिससे शरीर संक्रमित होकर कई बीमारियों का घर बन सकता है। जब हम जीवित होते हैं तो दिल द्वारा खून पूरे शरीर में संचारित होता है। तब यह शरीर को एक निश्चित ताप पर बनाए रखता है जिस कारण हमारे शरीर के प्रतिरक्षा प्रणाली शरीर को बीमारियों से बचाए रखती है।

जब किसी की मृत्यु हो जाती है तो हृदय द्वारा पूरे शरीर में होने वाला रक्त संचरण रुक जाता है और शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली खत्म हो जाती है और खून धीरे-धीरे ठंडा होने लगता है ।

आंख की पुतलियां पथरा जाती है और ऑक्सीजन लेवल कम होने की वजह से शरीर का टेंपरेचर धीरे-धीरे कम होने लगता है यह शरीर के गलने की दूसरी स्टेज है। इसका एक नाम डेथ चिल भी है इसमें शरीर के ठंडे होने की प्रतिक्रिया तेजी से शुरू होती है। इस कारण में शरीर भी ठंडा होने लगता है।


बुढ़ापे में दांत क्यों टूटने लगते हैं?

इसका एक और मुख्य कारण है कि बुढ़ापे में अधिकतर लोगों की सक्रियता बहुत कम हो जाती है। जिससे हमारे मसूड़ों की पकड़ दांत पर से कमजोर हो जाती है जिसके कारण वे झड़ने लगते हैं‌। बुढ़ापे में हमारे शरीर में धीरे-धीरे कैल्शियम की कमी होने लगती है। जिससे हमारे शरीर की हड्डियां और दांत कमजोर हो जाते हैं क्योंकि दांत मुख्य रूप से कैल्शियम के बने होते हैं। और बुढ़ापे में कैल्शियम की कमी के कारण हमारे दांत कमजोर होकर झड़ने लगते हैं जो मुख की स्वच्छता का ध्यान अधिक रखते हैं। उनके थोड़ी देर में टूटते हैं पर मधुमेह इसका प्रमुख कारण है। एक अन्य कारण भी है कैल्शियम की कमी होना लोग दूध पीते रहते हैं। और यह समझते हैं कि उनको कैल्शियम की कमी तो हो ही नहीं सकती। पर यहां एक बात ध्यान देने की है कि धूप में अधिकतर लोग जब काम नहीं करते, बस एसी में बैठे रहते हैं इससे उन सभी में विटामिन डी की बहुत कमी हो जाती है‌। जब विटामिन डी की शरीर में कमी हो जाती है तो शरीर कैल्शियम का अवशोषण कम कर देता है इसलिए केवल दूध ही ना पिए बल्कि धूप पान नियमित करें। जिससे कैल्शियम प्रचुर मात्रा में रहे और दांतो के गिरने से बचाएं 


दक्षिण की ओर पैर करके क्यों नहीं सोना चाहिए?

जैसा कि हम सभी जानते हैं कि मुख्यता दिशाएं चार ही होती हैं. लेकिन सभी दिशाओं में सिर करके नहीं सोना चाहिए वास्तु शास्त्र के अनुसार हर व्यक्ति को दक्षिण या पूर्व दिशा में सिर करके सोना चाहिए अर्थात पैरों को उत्तर या पश्चिम दिशा में ही रखना चाहिए।

वास्तु के अनुसार सोते समय हमारा सिर और पैर किस दिशा में है यह बातें हमारे जीवन में बहुत अधिक प्रभाव डालती हैं यदि दिशाओं में होने और न होने के बहुत से कारण होते हैं। ऐसे में यह जानना बहुत जरूरी है कि व्यक्ति को किस दिशा में सोना फायदेमंद हो सकता है। दक्षिण वास्तु शास्त्र के अनुसार दक्षिण दिशा की ओर सिर करके सोना अच्छा माना गया है माना जाता है कि दक्षिण दिशा में शिर और उत्तर दिशा में पैर करके सोने से सेहत बेहतर होता है। और स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों से मुक्ति मिल जाती है।

 उत्तर वास्तु शास्त्र के अनुसार उत्तर दिशा में सिर करके नहीं सोना चाहिए माना जाता है कि दक्षिण से उत्तर दिशा की ओर लगातार चुंबकीय धारा प्रवाहित होती रहती हैं इस दिशा की ओर सिर करके सोने से चुंबकीय धारा पैरों से प्रवेश करके सिर तक पहुंचती हैं जिसकी वजह से मानसिक तनाव बढ़ जाता है और सुबह जागने पर मन भारी रहता है।

 पूर्व वास्तु शास्त्र के अनुसार पूर्व दिशा में सिर और पश्चिम दिशा में पैर करके सोना स्वास्थ्य के लिहाज से अच्छा होता है पूर्व दिशा में सिर करके सोने से सुबह की पहली किरण सिर पर आती है जिससे नई ऊर्जा का संचार होता है। यही कारण है कि पूर्व पश्चिम दिशा में सोते समय अपना सिर पूर्व दिशा में और पैर पश्चिम दिशा में रखना चाहिए।


सर्दियों में अंडे खाने के क्या लाभ हैं?

वैसे तो अंडा बेहद फायदेमंद है और ठंड में इसका सेवन और भी ज्यादा फायदेमंद हो जाता है लेकिन अगर आप अंडा नहीं खाते तो नीचे बताए जा रहे अंडे के फायदे को पढ़कर खाने के बारे में एक बार विचार जरूर कर सकते हैं जी हां हम आपको बताने जा रहे हैं अंडा खाने के 10 फायदे जिन्हें जानकर आप हैरान हो जाएंगे 

जानिए आखिर क्यों अंडा खाना चाहिए?

आप में से कम ही लोग यह बात जानते होंगे कि अंडा खाने से शरीर में आवश्यक वसा की पूर्ति कर उसकी मात्रा को नियंत्रित करता है। 

1. प्रतिदिन एक अंडे का सेवन करके शरीर में वसा की 1 दिन की आवश्यकता मात्रा की पूर्ति करता है।

2. अंडा आपके वजन को नियंत्रित रखने में काफी मदद करता है अंडा खाने के बाद आपकी भूख शांत हो जाती है। इसे खाने के बाद देरतक आपका पेट भरा रहता है और भूख नहीं लगती ऐसे में यह आपके वजन को कंट्रोल करने में मदद करता है।

3. आंखों के लिए भी अंडा काफी फायदेमंद होता है प्रतिदिन एक अंडे को अपने डाइट में शामिल करने से कैरोटीनायड्स पूर्ति होती है, जिसे आंखों की कोशिकाओं में क्षरण से बचा जा सकता है, इसके अलावा रोज एक अंडा खाने से मोतियाबिंद का खतरा भी कम होता है।

4. एक शोध के अनुसार अंडा रक्त वाहिनी में खून का थक्का जमने हार्ट अटैक, हार्ट स्ट्रोक की संभावना को कम करने में सहायक होता है। इसके अलावा यह केओलीन का अच्छा स्रोत है‌। जो मस्तिष्क तंत्रिका वह हृदय धमनी की क्रिया विधि को सुचारू बनाए रखने में अहम भूमिका निभाता है।

5. यह एक बेहतरीन एनर्जी बूस्टर है प्रतिदिन सुबह के नाश्ते में अंडे को शामिल कर आप पूरा दिन ऊर्जावान महसूस कर सकते हैं।

6. अंडा प्रोटीन का एक अच्छा स्रोत है या शरीर में प्रोटीन की कमी को पूरा कर आवश्यक पोषण प्रदान करने में काफी सहायता करेगा‌।

7. कैंसर की रोकथाम के लिए भी अंडा बेहद मददगार होता है एक शोध के अनुसार सप्ताह में 6 अंडे का सेवन करने वाली महिलाओं में स्तन कैंसर का खतरा 44% कम देखा गया।

8. एक अंडे में 6 ग्राम उच्च गुणवत्ता वाले प्रोटीन होता हैं जिसमे शरीर के लिए आवश्यक अमीनो एसिड पाए जाते हैं। फल  समेत अन्य खनिज विटामिन होने के चलते अंडा बालों व नाखूनों के लिए अच्छा होता है।

9. अंडे में भरपूर मात्रा में विटामिन डी भी पाया जाता है। जो हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए बेहद आवश्यक है, या शरीर में सूर्य की किरणों के अवशोषण मैं मदद करता है जिससे हड्डियां मजबूत होती हैं।

10. अंडा पोषक तत्वों से भरपूर होता है यह शरीर की क्रियाओं को सुचारू रूप से बनाए रखने में मदद करते हैं‌। और दिमाग को मजबूत कर आंखों की रोशनी भी बढ़ाते हैं।


प्रधानमंत्री के बॉडीगार्ड काला चश्मा क्यों पहनते हैं?

हम में से अधिकांश लोग अपनी आंखों को धूप और धूल से बचाने के लिए चश्मा पहनते हैं। लेकिन हममें से कुछ लोग इसे अपने आप को बड़ा दिखाने के लिए पहनते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि सुरक्षा गार्ड काला चश्मा क्यों पहनते हैं लोगों को धोखा देने के लिए। सुरक्षाकर्मी पूरे समय पूरे इलाके में अपनी नजर गड़ाए रहते हैं। धूप का चश्मा पहनना सुनिश्चित करता है कि हमलावर गार्ड की आंखों को नहीं देख सकते और कोई भी यह ना समझ सके कि वह किसे या किस दिशा में देख रहे हैं इस तरह वह किसी भी संदिग्ध व्यक्ति या गतिविधि पर नजर रख सकते हैं बदमाशों को सतर्क किए बिना।

यदि क्षेत्र या खुली जगह विशेष रूप से धूमिल या धूल भरी है, तो चश्मा पहनने वालों की आंखों को दिखायी देता है। और धुंध के दौरान भी उन्हें स्पष्ट रूप से देखने में मदद करता है।

अगर अचानक आग लग जाती है या कोई व्यक्ति गोलियां चलाना शुरू कर देता है तो प्रतिक्रिया के रूप में हमारी आंखें बंद करना स्वाभाविक है लेकिन गार्ड ऐसी स्थितियों में अपनी आंखें बंद नहीं कर सकते, और इसलिए काला चश्मा काम में आते हैं काला चश्मा धूप, धूल और कठोर हवाओ से अपनी आंखों को सुरक्षित रखते हैं और उन्हें अपने कर्तव्य को अच्छी तरह से निष्पादित करने में मदद करते हैं। इन सुरक्षाकर्मियों को विशेष ट्रेनिंग दी जाती है जिससे इनको आंखों से दिमाग की तरह हर बात को पढ़ने की तरकीब सिखाई जाती है। यह इस तरह से प्रशिक्षित होते हैं की आंख और शरीर की भाषा पढ़ कर आप के अगले कदम को पहले ही पढ़ सकते हैं सामने वाला दुश्मन इस बात को भाप ना सके इसके लिए वह हमेशा काले चश्मे का इस्तेमाल करते हैं।


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